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Saturday, June 17, 2017

संख्या पद्धति ( NUMBER SYSTEM)



● संख्याओं के प्रकार (TYPES OF NUMBERS)



•प्राकृत संख्याएँ (Natural Numbers) : वस्तुओं को गिनने के लिए जिन संख्याओं का प्रयोग किया जाता है, उन संख्याओं को गणन संख्याएँ या प्राकृत ‘संख्याएँ’ कहते हैं।प्राकृत संख्या 1 से शुरू होती हैं।
जैसे- 1, 2, 3, 4, 5, ………..
•पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers) : प्राकृत संख्याओं में शून्य को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं उन्हें ‘पूर्ण संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ………….
•पूर्णांक संख्याएँ(Integer Numbers): प्राकृत संख्याओं में शून्य एवं ऋणात्मक संख्याओं को भी सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, उन्हें ‘पूर्णांक संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- ……… -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ……
•सम संख्याएँ(Even Numbers): वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो जाती हैं उन्हें ‘सम संख्याएँ’ कहते हैं। इस प्रकार 2, 4, 8, 6, 26 …….. आदि ‘सम संख्याएँ’ हैं।
•विषम संख्याएँ(Odd Numbers): वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती हैं उन्हें ‘विषम संख्याएँ कहते हैं।
जैसे- 1, 3, 5, 11, 17, 29, 39 …….. आदि ‘विषम संख्याएँ’ हैं।
•अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers): वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त अन्य किसी भी संख्या से विभाजित नहीं हो उन्हें ‘अभाज्य संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 2, 3, 7, 11, 13, 17 ………. आदि ‘अभाज्य संख्याएँ’ हैं। ‘1’ एक विशेष संख्या है जो न तो अभाज्य संख्या है और न ही भाज्य संख्या है।
•भाज्य संख्याएँ (divisible Numbers): वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त अन्य किसी संख्या से पूर्णतः विभाजित हो जाती है तो उसे भाज्य संख्या कहते हैं।
जैसे- 4, 6, 8, 9, 10, …………
•परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers): वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सके ‘परिमेय संख्याएँ’ कहलाती हैं जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो।
जैसे- 4, 3/4,3, 1.67,…… आदि ‘परिमेय संख्याएँ’ 
•अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers): वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में न लिखा जा सके अपरिमेय संख्याएँ कहलाती है। जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो।
जैसे- √7,√5,2+√2, 5^(1/3),π…… आदि अपरिमेय संख्याएँ हैं।
•वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers) : वे संख्याएँ जो या तो परिमेय हैं अथवा अपरिमेय ‘वास्तविक संख्याएँ’ कहलाती हैं।
जैसे- 8, 6, 2 ,√3, 3/5,2/√3…….. आदि वास्तविक संख्याएँ हैं।
काल्पनिक संख्याएँ(Imaginary Numbers): ऋणात्मक संख्याओं का वर्गमूल लेने पर बनने वाली संख्याएँ काल्पनिक संख्याएँ कहलाती है।
जैसे -√-1, √-2,√-4,......आदि काल्पनिक संख्याएँ है।
•सह-अभाज्य संख्याएँ (Co Prime Numbers): ऐसी संख्याओं के जोड़े जिनके गुणनखण्डों में 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो उन्हें ‘सह-अभाज्य संख्याएँ’ कहते हैं। जैसे- 16, 21 में 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है।
•युग्म-अभाज्य संख्याएँ (Pair Prime Numbers): ऐसी अभाज्य संख्याएँ जिनके बीच का अंतर 2 हो ‘युग्म-अभाज्य संख्याएँ’ कहलाती हैं। जैसे- 11, 13 युग्म-अभाज्य संख्याएँ हैं।


भिन्न (Fractions)



यदि किसी संख्या को p/q के रूप में जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 लिखा जाये तो ऐसी संख्या को भिन्न कहते हैं। भिन्न में भाज्य को एक रेखा के उपर तथा भाजक को रेखा के नीचे लिखा जाता है, ऊपर की संख्या अर्थात भाज्य को अंश तथा नीचे की संख्या अर्थात भाजक को हर कहा जाता है। number-system-f-h-10385.png आदि भिन्न के उदाहरण हैं जिसमें 1, 4 , 6 अंश तथा 3, 5, 7 हर हैं।


●भिन्नों के प्रकार (Types of fraction)



•उचित भिन्न(Proper fraction): यदि भिन्न का अंश हर से कम हो, तो भिन्न को उचित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10392.png …. इत्यादि।
•अनुचित भिन्न(Improper Fraction) : यदि भिन्न का अंश हर से बड़ा हो तो भिन्न को अनुचित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10399.png …. इत्यादि।
मिश्र भिन्न: यदि भिन्न एक पूर्णांक तथा भिन्न से मिलकर बनी हो तो भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं।
जैसे number-system-f-h-10405.png…… इत्यादि।
मिश्रित भिन्न: यदि अंश या हर या दोनों भिन्न हो, तो भिन्न को मिश्रित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10411.png…… इत्यादि।
•दशमलव भिन्न (Decimal Fraction): वे भिन्न जिनके हर 10, 10² या 10³ इत्यादि हो, तो दशमलव भिन्न कहलाते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10417.png……. इत्यादि।
•वितत भिन्न(Differing Fraction): सामान्य तौर पर किसी भिन्न के हर या कभी-कभी अंश में किसी संख्या के जोड़ने या घटाने से बनने वाले भिन्न को वितत भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10423.png

●भिन्नों की तुलना(comparisons B/w Fraction)

यदि दी गई भिन्नों के हर समान हो, तो सबसे बड़े अंश वाली संख्या बड़ी होगी।
जैसे number-system-f-h-10429.png में number-system-f-h-10435.png
यदि दी गई भिन्नों के अंश समान हो, तो सबसे छोटे हर वाली संख्या बड़ी होगी।
जैसे- number-system-f-h-10443.png में number-system-f-h-10449.png
यदि दी गई भिन्नों में उनके अंशों और हरों का अंतर समान हो, तो सबसे छोटे अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी, जबकि अंश हर से बड़ा है।
जैसे- number-system-f-h-10457.png में number-system-f-h-10463.png
यदि दी गई भिन्नों में उनके अंशों और हरों का अंतर समान हो, तो सबसे बड़े अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी, जबकि अंश, हर से छोटा है।
जैसे- number-system-f-h-10470.png में number-system-f-h-10476.png


तिर्यक विधि द्वारा भिन्नों की तुलना



यह भिन्नों की तुलना के लिए एक संक्षिप्त विधि है। इस विधि के द्वारा हम सभी प्रकार के भिन्नों की तुलना कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप इस विधि द्वार 5/9 और 5/7 की तुलना इस प्रकार करेंगे।
number-system-f-h-10483.png
यहाँ 36 बड़ी संख्या है अतः number-system-f-h-10489.png


विभाज्यता की जाँच (Divisibility Rules)

  • कोई भी संख्या 2 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसका इकाई का अंक 0, 2, 4, 6, या 8 होगा।
  • कोई भी संख्या 3 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उस संख्या के अंकों का योग 3 से पूर्णतः विभाज्य होगा।
  • कोई भी संख्या 4 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसके अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या 4 से विभाजित हो या अन्तिम दोनों अंक शून्य हो।
  • कोई भी संख्या 5 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसका इकाई का अंक 0 या 5 होगा।
  • कोई भी संख्या 6 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब वह संख्या सम संख्या होगी और उसके अंको का योग 3 से विभाज्य हो।
  • कोई भी संख्या 7 से पूर्णतः विभाज्य होगी, यदि संख्या इकाई के अंक को दोगुना करके, संख्या के इकाई के अंक को हटाकर प्राप्त हुई संख्या से घटाने पर 7 गुणज मिलता है।
  • जब किसी संख्या का 6 बार, 12 बार, 18 बार …… पुनरावृति हुआ, तो वह संख्या 7 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • जब किसी संख्या के अन्तिम तीन अंक शून्य हों अथवा अंतिम तीन अंकों से बनी संख्या 8 से पूर्णतया विभाजित हो, तो वह 8 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • कोई भी संख्या 9 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उस संख्या के अंकों का योग 9 से विभक्त होगा।
  • कोई भी संख्या 10 से पूर्णतः विभाज्य होगी, यदि उसका इकाई का अंक 0 हो।
  • यदि किसी संख्या के विषम स्थानों पर स्थित अंकों के योग तथा सम स्थानों के योग का अन्तर 0 या 11 का गुणज है, तो वह संख्या 11 पूर्णतया विभाज्य होगी।
  • यदि किसी संख्या की पुनरावृति सम में हुई हो, तो वह संख्या 11 से पूर्णतः विभाज्य होगी। जैसे-5555
  • यदि कोई संख्या 3 और 4 से विभाज्य है, तो वह 12 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • यदि किसी संख्या के अंतिम दो अंकों से बनी संख्या 25 से विभाज्य है या अन्तिम दोनों अंक शून्य हैं, तो वह संख्या 25 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • दो संख्याओं का योगफल 14 एवं अंतर 10 है दोनों संख्याओं का गुणनफल क्या होगा ?
  • वह न्यूनतम संख्या ज्ञात कीजिये जिसमें 9, 11, एवं 13 से भाग देने पर क्रमश: 1, 3, 5 शेष बचते हों?
  • वह सबसे बडी संख्या ज्ञात कीजिये जिससे 55, 127 एवं 175 से भाग देने पर प्रत्येक दशा में समान शेष बचे
  • 5 अंकों की वह बडी से बडी संख्या कौन सी है जो 137 से पूर्णत: विभक्त हो जाये?

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